सिलसिला
इश्क़ भी करते हैं तुझ से
और फासिला भी रखते हैं।
गैरों के बीच तुझे छोड़ने का
हौंसला भी रखते हैं।
सितम ये कि सामने भी आ जाओ तो ख़ुद पे काबू इतना रखते हैं
गले लगा कर भी जिसे प्यास नहीं बुझती
उस से दो हाथ की दूरी लाज़मी रखते हैं।
मुसल्सल रहे ये किस्सा - ए - इश्क़
बस यही दुआ करते है।
तहरीर में होने वाले, तक़दीर में कहां होते हैं।
रिश्ते मोहताज हैं ज़रूरत और नाम के...
चलो, इस सिलसिले को चाहत ही रहने देते हैं।
- परस्तिश
Beautiful lines 👌👌
ReplyDeleteYou are simply awesome
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