इंतज़ार


तुम्हारा इंतज़ार करना मुझे अच्छा लगता है
वो चंद घंटे बहुत ख़ास होते हैं।
उसमें तुम होते हो, और मैं होती हूं। 
वो सजे होते हैं तुम्हारी खुशबू से,
वो भरे होते हैं तुम्हारी हंसी की खनक से,
और वो तमाम लम्हे, वो तमाम एहसास
जो सिर्फ़ हम दोनों के हैं, मुझे छू जाते हैं, इन्हीं चंद घंटों में।
और जानते हो सबसे खूबसूरत बात?
उन चंद घंटों में होती है एक उम्मीद तुम्हारे आ जाने की, 
जिसके थक कर छिटक जाने से एकदम पिछले पल में
तुम आ जाते हो मेरे सामने। 
मेरा इंतज़ार जब कभी तुमको करना पड़ता है
तुम ढूंढते हो कुछ ऐसा
जो एहसास ही न होने दे इंतज़ार का।
वक्त कट जाए जल्दी से और बस तुम फारिग़ हो जाओ इस  फर्ज़ से।
और मेरे आ जाने से कई पल पहले ही 
तुम इंतज़ार को अलविदा कर के निकल जाते हो
किसी और रास्ते पर।
और कहते हो इंतज़ार नागवार गुजरता है।
इंतज़ार की मिठास तो सिर्फ़ वही जानते हैं जो इसको चखते हैं,
कतरा कतरा, मन के पूरा भर जाने तक... 

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