उल्फत


घड़ी भर तन्हाई में बैठते ही, दफ्फतन तेरी याद का आ जाना

चाय की हर चुस्की के साथ मेरा, क़तरा क़तरा तुझे पी जाना, 

मेरी तवज्जो को शौक से कर तगाफुल, ए बेपरवाह 

मेरी बेशुमार उल्फत को पसंद है तेरा बेहिसाब आजमाना।


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